क्या हैं पुरुषों में हर्निया के लक्षण?

 

पुरुषों में हर्निया के लक्षण:DocTubeBlog

हर्निया एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकती है। एक वक्त ऐसा था जब हर्निया का इलाज जटिल था। बड़ा सा चीरा लगाकर इसकी सर्जरी की जाती थी, जिससे रिकवर होने में व्यक्ति को काफी वक्त लगता था लेकिन अब समय बदल चुका है। अब हर्निया का इलाज आसान है। वैसे हम ब्लॉग में आगे इस विषय पर चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले इस बीमारी को समझना जरूरी है। साथ ही ये जानना भी जरूरी है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हर्निया के लक्षण ज्यादा नजर क्यों आते हैं?



सबसे पहले जानें हर्निया की बीमारी क्या होती है?

जब व्यक्ति के पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और मांसपेशी या ऊत्तक में छेद के माध्यम से कोई अंग उभरकर बाहर की तरफ आने लगता है, तो उसे हर्निया कहते हैं। हर्निया आमतौर पर आपकी छाती और कूल्हों के बीच विकसित होता है। कई मामलों में, हर्निया के लक्षण नजर नहीं आते या फिर बहुत कम दिखाई देते हैं। हालांकि, जब भी व्यक्ति को अपने पेट या कमर में सूजन या गांठ नजर आये, लेटते ही गांठ पीछे की तरफ चला जाए या गायब हो जाये, तो ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या हैं इसके प्रकार और पुरुषों में हर्निया के लक्षण?


1. इनगुइनल हर्निया

यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है। इनगुइनल हर्निया तब होता है, जब पेट के निचले भाग के सबसे कमजोर हिस्से से छोटी आंत का एक टुकड़ा या फिर फैटी टिश्यू बाहर निकल आता है। पुरुषों को यह हर्निया ज्यादा प्रभावित करता है। अक्सर उम्र बढ़ने और पेट पर बार-बार दबाव पड़ने से यह समस्या होती है। ऐसे में तेज दर्द, खांसते, झुकते या किसी भारी सामान को उठाते वक्त दर्द होना आदि पुरुषों में हर्निया के लक्षण नजर आते हैं। 

2. फेरोमोरल हर्निया

फेरोमोरल हर्निया में वसायुक्त ऊतक या आंत का हिस्सा आंतरिक जांघ के शीर्ष पर कमर में घुस जाता है। इनगुइनल हर्निया की तुलना में फेरोमोरल हर्निया के मामले कम नजर आते हैं और पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह बीमारी अधिक प्रभावित करती है।


3. अम्बिलिकल हर्निया

अम्बिलिकल हर्निया तब होता है, जब वसायुक्त ऊतक या आंत का हिस्सा पेट से होते हुए नाभि के पास चला जाता है। पेट का वह भाग जिससे गर्भनाल गुजरती है, जन्म के बाद अगर उसे ठीक से सील न किया जाये, तो यह हर्निया शिशुओं को हो सकता है। नाभि के पास नरम सूजन या उभार आदि अम्बिलिकल हर्निया के लक्षण हैं।

4. हायटस हर्निया

हायटस हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का हिस्सा डायाफ्राम मांसपेशी के माध्यम से ऊपर की ओर धकेलता है। वैसे तो इसमें कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं लेकिन कुछ लोगों में यह हर्निया सीने में जलन पैदा कर सकता है।


इन सबके अलावा इंसिज़नल हर्निया, एपिगैस्ट्रिक हर्निया, स्पिगेलियन हर्निया, डायाफ्रामिक हर्निया आदि भी इस बीमारी के ही प्रकार हैं। 


हर्निया की बीमारी का कारण


पेट की दीवार पर दबाव बढ़ाने वाली गतिविधियां और चिकित्सीय समस्याओं के कारण पुरुषों में हर्निया के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे-

  1. मलत्याग के वक्त बहुत ज्यादा जोर लगाना (उदाहरण के लिए लंबे समय तक कब्ज के कारण)
  2. लगातार खांसी होना
  3. सिस्टिक फाइब्रोसिस
  4. पेशाब करने के लिए जोर लगाना
  5. अधिक वजन या मोटापा 
  6. भारी सामान उठाना
  7. पेरिटोनियल डायलिसिस
  8. खराब पोषण
  9. धूम्रपान

इस बारे में जनरल फिजिशियन, डॉ. विवेक शर्मा बताते हैं कि कई बार हर्निया की बीमारी जन्मजात होती है। वहीं बड़े लोगों में मोटापा, भारी वजन उठाने के कारण, कब्ज, टीबी, खांसी, धूम्रपान, जोरदार व्यायाम आदि कारणों से हर्निया हो सकता है।


पुरुषों में हर्निया के लक्षण ज्यादा नजर आने के क्या कारण हैं?


इनगुइनल हर्निया महिलाओं को हो सकता है लेकिन यह बीमारी पुरुषों में ज्यादा आम है। इसका कारण है पुरुषों की कमर क्षेत्र की संरचना का अलग होना। पुरुषों की कमर की मांसपेशियों में एक छोटा सा छेद होता है, जो रक्त वाहिकाओं को उनके अंडकोष तक पहुंचाने के लिए आवश्यक होता है। यह मामूली अंतर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को इनगुइनल हर्निया के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। इसके अतिरिक्त जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे पेट की दीवार इनगुइनल क्षेत्र के पास कमजोर हो सकती है, जिससे हर्निया की संभावना और भी अधिक बढ़ जाती है। इसीलिए पुरुषों में हर्निया के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं। 


हर्निया के लक्षण नजर आने पर कब करें डॉक्टर से संपर्क?

यदि आपको हर्निया है और आपमें निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण विकसित होते हैं, तो आपको तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। इन लक्षणों में शामिल है-

  1. अचानक या तेज दर्द 
  2. मलत्याग करने या हवा पास करने में कठिनाई
  3. हर्निया सख्त या कोमल हो जाये और उसे वापस अंदर धकेलना नामुमकिन हो जाये
  4. हर्निया में फंसे अंग या ऊतक के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति का बंद होना 
ये सभी आपातकालीन स्थितियां हैं। इस तरह के  हर्निया के लक्षण नजर आने पर बिना देरी किये चिकित्सक से मिलना जरूरी है। 


क्या है हर्निया की बीमारी का इलाज?


सर्जरी की मदद से ही हर्निया के लक्षण से निजात पाया जा सकता है। इसकी सर्जरी 2 तरह से की जा सकती है-


1. ओपन सर्जरी

इसमें सर्जन गांठ को वापस पेट में धकेलने के लिए कट लगाता है। इस सर्जरी में मरीज को दर्द होता है और उसे रिकवर होने में भी वक्त लग सकता है।


2. लैप्रोस्कोपी (कीहोल सर्जरी)

वैसे अब हर्निया का इलाज काफी आधुनिक हो चुका है। लैप्रोस्कोपी तकनीक की मदद से इस बीमारी का उपचार आसानी से किया जा सकता है। इसमें बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही अधिकांश लोग सर्जरी वाले दिन या अगले दिन घर जाने में सक्षम होते हैं और कुछ हफ्तों के भीतर पूरी तरह ठीक भी हो जाते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

पुरुषों में हर्निया के लक्षण जब भी नजर आये, तो ऐसी अवस्था में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अब तो हर्निया का इलाज आसान हो गया है और मरीज की रिकवरी भी जल्दी हो जाती है। इसीलिए, इस मामले में देरी बिल्कुल भी न करें।



Reference


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2. Gonzalez, A., 2017. Types and treatments for hernia Medical News Today. MediLexicon International. Available at: (Accessed: 26 October 2023).


3. Sharma, V., 2023. हर्निया के कारण और इस्का रोकथाम कैसे करें? DocTube. Available at: (Accessed: 26 October 2023).


4. Rockwall Surgical Specialists, 2023. Why Are Men More Susceptible to Hernias?: General Surgery. Available at: (Accessed: 26 October 2023).



FAQ

  हर्निया की बीमारी कितने प्रकार की होती है?  
   

इनगुइनल हर्निया, फेरोमोरल हर्निया, अम्बिलिकल हर्निया, हायटस हर्निया इंसिज़नल हर्निया, एपिगैस्ट्रिक हर्निया, स्पिगेलियन हर्निया, डायाफ्रामिक हर्निया आदि इसके प्रकार हैं।

 
  हर्निया के क्या कारण हैं?  
   

मलत्याग में लगातार रोज लगाना, खांसी, भारी व्यायाम, अधिक वजन या मोटापा व अन्य कारणों से व्यक्ति को हर्निया हो सकता है।

 
  हर्निया की आधुनिक सर्जरी क्या है?  
   

से अब हर्निया का इलाज भी काफी आधुनिक हो चुका है। लैप्रोस्कोपी तकनीक की मदद से इस बीमारी का उपचार आसानी से किया जा सकता है। इसमें बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही अधिकांश लोग सर्जरी वाले दिन या अगले दिन घर जाने में सक्षम होते हैं और कुछ हफ्तों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।

 

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