साइलेंट किलर है तनाव, इससे बचना है जरूरी

 

तनाव:DocTubeBlog


पढ़ाई, नौकरी, परिवार, रिश्ते, माहौल, बीमारियां, बिजनेस। और कितनी चीजों को लेकर तनाव लेंगे आप। कहीं ऐसा न हो कि यह तनाव धीरे-धीरे आपके चेहरे की मुस्कान ही छीन लें। हाँ पता है कि कोई भी व्यक्ति जानबुझकर टेंशन नहीं लेता है। परिस्थितियां ही ऐसी बन जाती हैं कि न चाहते हुए भी तनाव (Stress in Hindi) होने लगता है लेकिन इससे बचने का रास्ता भी आपको ही खोजना होगा वरना आपकी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। इसका असर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है, इसीलिए खुद को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करें।

तनाव क्या होता है?

जीवन में घटी कोई घटना या अचानक से चुनौती के सामने आने से व्यक्ति की जो शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया सामने आती है, उसे ही तनाव कहते हैं। किसी भी परिस्थिति व वातावरण में व्यक्ति तनाव का अनुभव कर सकता है।

तनाव के लक्षण 

तनाव के शारीरिक प्रभावों में शामिल हैं-

  1. पसीना आना
  2. पीठ या सीने में दर्द
  3. बेहोशी
  4. सिर दर्द
  5. घबराहट 
तनाव के भावनात्मक लक्षण-

  1. गुस्सा
  2. किसी काम में ध्यान न लगा पाना
  3. थकान
  4. असुरक्षा की भावना
  5. चिड़चिड़ापन
  6. नाखून काटना
  7. बेचैनी
  8. उदासी
तनाव से जुड़े व्यवहारों में शामिल हैं-

  1. बहुत अधिक या बहुत कम खाना
  2. अचानक गुस्सा फूटना
  3. नशीली दवाओं या शराब का सेवन करना
  4. तम्बाकू का अधिक सेवन
  5. समाज से दूरी बनाना
  6. बार-बार रोना

तनाव (Stress in Hindi) का प्रकार

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएमएच) के मुताबिक तनाव 2 प्रकार के होते हैं तीव्र और दीर्घकालिक।

i) तीव्र तनाव (Acute Stress)

इस प्रकार का तनाव कम वक्त के लिए होता है। यह तनाव का सबसे कॉमन रूप होता है। जब कोई व्यक्ति हाल ही में घटी किसी घटना पर विचार करता है या फिर भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में सोचता है, तो उसे इस तीव्र तनाव का एहसास होता है। उदाहरण के तौर पर हाल ही में परिवार में किसी के साथ हुए झगड़े के बारे में सोचना या 2 दिन बाद ऑफिस में किसी महत्वपूर्ण प्रेजेन्टेशन को लेकर दबाव में रहना। इन दोनों ही स्थिति में व्यक्ति को तनाव होता है। हालांकि, अगर व्यक्ति उस झगड़े को सुलझा ले या अच्छे से अपना प्रेजेन्टेशन दे दे, तो उसका तनाव भी खत्म हो जाता है। 

तीव्र तनाव का समाधान स्पष्ट और जल्द होता है। ऐसे में कठिन चुनौती  सामने आने पर भी व्यक्ति उससे बाहर निकल सकता है। यह  दीर्घकालिक तनाव जितनी क्षति नहीं पहुंचाता है। तीव्र तनाव में व्यक्ति में सिरदर्द, पेट खराब होना आदि लक्षण नजर आते हैं।


ii) दीर्धकालिक तनाव (Chronic Stress)

इस प्रकार का तनाव लंबी अवधि में विकसित होता है और अधिक हानिकारक होता है। गरीबी, गंभीर बीमारी, परिवार में खराब मौहाल, दुखी विवाह आदि ऐसी स्थितियां हैं, जो दीर्घकालिक तनाव का कारण बन सकते हैं। जीवन की शुरुआत में घटी कोई दर्दनाक घटना भी इसकी वजह बन सकती है। इस तनाव का एहसास व्यक्ति को तब होता है, जब वो अपनी परेशानी से बचने का कोई रास्ता नहीं खोज पाता है। 

दीर्घकालिक तनाव के कारण शरीर के हार्मोन गतिविधि को सामान्य स्तर पर वापस लौटने में काफी परेशानी होती है। इसके कारण कार्डियोवास्कुलर, श्वसन एवं नींद से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही व्यक्ति में टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। जब तनाव क्रोनिक हो जाता है तो अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार, जैसे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) विकसित हो सकते हैं।

क्रोनिक तनाव बिना ध्यान दिए जारी रह सकता है क्योंकि लोग निराशा महसूस करने के आदी हो जाते हैं। यह किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का हिस्सा बन सकता है। दीर्घकालिक तनाव से ग्रस्त लोग अंत में पूरी तरह निराश हो जाते हैं जो आत्महत्या, हिंसक कार्रवाई, दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।




तनाव के प्रबंधन में लापरवाही का परिणाम हो सकता है गंभीर!

इस बारे में इंदौर से मनोचिकित्सक, डॉ. अभिजीत सोनी बताते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 10 में से 1 व्यक्ति अवसाद, चिंता, एडीएचडी या अन्य किसी न किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित जरूर होता है। व्यस्त जीवन, रिश्तों की खटास एवं पढ़ाई के दबाव के कारण मानिसक अकेलापन बढ़ रहा है। ज्यादातर मामलों में मानसिक बीमारियों का इलाज ठीक से नहीं हो पाता है और अंत में जीवन से हारते हुए व्यक्ति  आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठा लेता है। इससे बचाव के लिए जरूर है कि व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिति को समझे और तुरंत इलाज कराए। 

तनाव से बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स


तनाव से खुद को बचाना है तो निम्नलिखित सुझावों का पालन करना जरूरी है -

1. अच्छा खानपान तनाव दूर करने में सहायक होता है। इसीलिए, हमेशा संतुलित आहार लेने पर फोकस करें। खाने में फल, हरी सब्जियां, साबूत अनाज आदि का सेवन ज्यादा मात्रा में करें। कैफीन युक्त पदार्थों, पिज्जा, बर्गर व अन्य जंक एवं प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से परहेज करें।

2. तनाव से बचाव के लिए नियमित योगा या व्यायाम करना बेहद आवश्यक होता है। इससे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और व्यक्ति को आराम का अनुभव होता है। इसीलिए 1 सप्ताह में कम से कम 3 बार व्यक्ति को व्यायाम जरूर करना चाहिये।

3. पर्याप्त मात्रा में नींद लेना भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है। इसीलिए, रोजाना तकरीबन 8 घंटे की नींद जरूर लें। ज्यादा देर तक जागने की आदत न लगाएं। इससे टेंशन बढ़ सकता है।

4. शराब, धूम्रपान व अन्य नशीली पदार्थों के सेवन से परहेज करें। ये भी मानसिक तनाव से छुटकारा पाने में सहायता करता है। 

5. हर रोज अपने लिए भी थोड़ा समय जरूर निकालें और इस समय में अपनी पसंदीदा चीजों को करने की कोशिश करें। इससे भी तनाव (Stress in Hindi) कम हो सकता है। 

6. मेडिटेशन तनाव से छुटकारा पाने का सरल तरीका है। इससे में न तो पैसे खर्च करने की जरूरत होती है और न ही कहीं जाने की। घर पर ही बस थोड़ा सा समय आँखें बंद करके बैठने से और मेडिटेशन करने से तनाव को कम किया जा सकता है। 


निष्कर्ष (Conclusion)

तनाव, व्यक्ति को सिर से लेकर पैर तक बीमार बना सकता है। इसीलिए, व्यक्ति का तनावमुक्त रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए हमेशा खुश रहने की कोशिश करें, नकारात्मक बातें न सोचें और अपने रवैये को हमेशा सकारात्मक रखें। 


Reference


1. Klinic Community Health Center, 2010. Hydesmith.com. Available at: (Accessed: 9 October 2023).


2. Sampson, S., 2023. Medical NEws Today. Stress: Why does it happen and how can we manage it? MediLexicon International. Available at: (Accessed: 9 October 2023).


3. OASH, 2021. Stress and your health Available at: (Accessed: 9 October 2023).



4. Soni, A., 2023. क्या मानसिक तनाव से बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति? DocTube. Available at: (Accessed: 9 October 2023).


5. WHO, 2020.  Apps.who.int. Available at: (Accessed: 9 October 2023).




FAQ

  तनाव कितने प्रकार का होता है?  
   

तनाव मुख्य रूप से 2 प्रकार को होता है तीव्र और दीर्घकालिक। तीव्र तनाव कम वक्त के लिए होता है और उसका समाधान भी जल्दी निकल जाता है। वहीं दीर्धकालिक तनाव लंबी अवधि में विकसित होता है और ज्यादा हानिकारक होता है।

 
  तनाव में क्या पीना चाहिये?  
   

तनाव से बचने के लिए और रात में अच्छी नींद लाने के लिए गर्म दूध का सेवन करना चाहिए। सोने से ठीक पहले इसे पीने से स्ट्रेस मैनेजमेंट में मदद मिलती है। कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर, यह हड्डी को बनाए रखने में मदद करता है और इसे मांसपेशियों को आराम देने वाला और मूड स्टेबलाइजर के रूप में भी जाना जाता है।

 

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