क्या प्रेगनेंसी रोकने में कारगर है कॉपर टी? जानें पूरी बात

 

कॉपर टी:DocTubeBlog

क्या आप भी अनचाही प्रेगनेंसी को रोकने के लिए सबसे सुरक्षित और किफायती तरीके की तलाश कर रही हैं? तब तो कॉपर टी आपके बहुत काम आ सकता है। पिछले कुछ सालों में अनचाही प्रेगनेंसी से बचाव के लिए मौजूद विकल्पों में कॉपर टी बहुत ज्यादा पोपुलर हुआ है। आपने भी इस डिवाइस के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानती हैं कि कॉपर टी के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। इस बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले कॉपर टी के बारे में जानना जरूरी है।


कॉपर टी क्या है? 

कॉपर टी को कॉपर इंट्रायूटराइन डिवाइस कहा जाता है। यह कॉपर एवं तांबे से बनी हुई टी-आकार की प्लास्टिक की एक छड़ होती है। इसे महिला के गर्भाशय में लगाया जाता है। यह डिवाइस बहुत ही कम मात्रा में कॉपर को रिलीज करता है, जिससे शुक्राणु नष्ट हो जाते हैं और इस तरह प्रेगनेंसी को रोकने में मदद मिलती है। अनचाही प्रेगनेंसी रोकने के लिए कॉपर टी को  99% से भी अधिक प्रभावी माना गया है।



क्या कॉपर टी प्रेगनेंसी रोकने में असफल हो सकता है?

वैसे तो कॉपर टी को प्रेगनेंसी रोकने में बेहद प्रभावी विकल्प माना गया है लेकिन कुछ मामलों में इसके असफल होने की बात भी सामने आयी है। सीडीसी के मुताबिक कॉपर आईयूडी की सामान्य विफलता दर 0.8% है। महिलाएं जितने लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करती हैं, उसी के अनुसार इसके विफल होने की आशंका भी बढ़ती जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई महिला 4 वर्षों तक कॉपर टी का इस्तामल करती है, तो इसकी विफलता दर बढ़कर 1.3% हो जाती है। वहीं 10 वर्ष बाद इसकी विफतला दर में और थोड़ा इजाफा होता है और यह दर बढ़कर 2.1% तक पहुँच  जाती है।

सीडीसी की मानें तो कंडोम की विफलता दर 13% एवं जन्म नियंत्रण गोलियों की विफलता दर 7% है। वहीं अगर महिलाएं असुरक्षित सेक्स के 5 दिनों के भीतर किसी अनुभवी डॉक्टर से कॉपर टी गर्भाशय में डलवाती हैं, तो इससे प्रेगनेंसी रुकने की संभावना 99.9% से भी अधिक रहती है।  


वैसे विशेषज्ञों ने भी कॉपर टी को प्रेगनेंसी से बचने का सबसे सर्वोत्तम तरीका बताया है। इस बारे में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषत्र, डॉ. पूनम अग्रवाल  का कहना है कि कॉपर टी का इस्तेमाल करने वाली 100 महिलाओं में से केवल 1% महिलाओं के प्रेगनेंट होने की आशंका बनी रहती है। इसीलिए, अगर कॉपर टी लगवाने के बाद भी किसी महिला का पीरियड मिस हो जाये, तो उसे अपना प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर करना चाहिये।

दरअसल, कई बार कुछ कारणों से कॉपर टी अपनी सही जगह से हट जाता है। ऐसी अवस्था में महिला के प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। 


कैसे लगाया जाता है कॉपर टी?

अगर महिला प्रेगनेंट नहीं है तो मासिक धर्म चक्र के दौरान किसी भी समय वे आईयूडी लगवा सकती हैं। आईयूडी को फिट करने से पहले जनरल फिजिशियन या नर्स योनि के अंदर गर्भाशय की स्थिति और आकार की जाँच करते हैं। अगर इस दौरान एसटीआई या अन्य किसी संक्रमण का पता चलता है, तो महिलाओं को एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।

दूसरी तरफ, यदि सब ठीक रहा तो कॉपर टी को महिला के गर्भाशय के अंदर डाला जाता है। कॉपर टी में एक महीन नायलॉन की डोरी जुड़ी होती है, जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के माध्यम से बाहर आती है। यह डोरी न तो दिखाई देती है और न ही योनि से बाहर लटकती है। पाइप के माध्यम से कॉपर टी को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है और फिर उसे वहीं छोड़ दिया जाता है। कॉपर टी लगाने में 5 मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगता है। 

कभी-कभी आईयूडी लगवाना असुविधाजनक हो सकता है। कुछ महिलाओं को दर्द भी महसूस हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के अनुसार लोकल एनेस्थेटिक का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इस प्रक्रिया के दौरा महिलाओं को ज्यादा दर्द या असुविधा का अनुभव हो, तो महिलाएं कभी भी इस प्रक्रिया को रुकवा सकती हैं। जरूरत पड़ने पर आईयूडी लगवाने के बाद महिलाएं दर्दनिवारक दवाईयां भी ले सकती हैं। एक बार जब आईयूडी फिट हो जाता है, तो यह अपनी जगह पर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए 3 से 6 सप्ताह के अंदर जाँच जरूर करानी चाहिये।  


क्या हैं कॉपर टी के फायदे

  1. कॉपर टी 5 या 10 वर्षों तक प्रेगनेंसी रोकने की क्षमता रखता है।
  2. गर्भाशय में फिट होने के बाद यह तुरंत अपना काम शुरू कर देता है।
  3. कॉपर टी के इस्तेमाल से कपल को सेक्स करने में कोई परेशानी नहीं होती है।
  4. इससे मुँहासे, सिरदर्द या स्तन कोमलता जैसे हार्मोनल दुष्प्रभावों का सामना भी महिलाओं को नहीं करना पड़ता है। 
  5. स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कॉपर टी का इस्तेमाल सुरक्षित है। 
  6. ऐसा नहीं है कि कॉपर टी हटाने के बाद प्रेगनेंट होने में कोई परेशानी आती है। इसे निकालने के बाद कभी भी महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। 
  7. कॉपर टी पर अन्य दवाइयों का कोई असर नहीं होता है। 

क्या हैं कॉपर टी के Side Effects!

  1. कॉपर टी लगाने के बाद शुरुआती कुछ महीनों तक महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द या ज्यादा रक्तस्त्राव जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। 
  2. आईयूडी लगवाते समय महिला को संक्रमण होने का खतरा भी हो सकता है। अगर समय रहते इस संक्रमण का इलाज न किया जाये, तो यह पैल्विक संक्रमण का कारण बन सकता है।
  3. कॉपर टी यौन संचारित रोगों से रक्षा करने में असमर्थ होता है। इसलिए संबंध बनाते वक्त कपल को कंडोम का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।

कॉपर टी लगाने से वजन बढ़ता है क्या?


आईयूडी जन्म नियंत्रण का सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका माना जाता है। ऐसे कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं, जो यह दिखाए कि किसी भी प्रकार के आईयूडी से महिला का वजन बढ़ता है। यदि आईयूडी का उपयोग करते समय आपको वजन बढ़ने का अनुभव होता है, तो यह उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। 


निष्कर्ष (Conclusion)

अगर महिलाओं को कोई परेशानी हो या जब उनका मन करें तब वे कॉपर टी को बाहर निकलवा सकती हैं। मासिक धर्म चक्र के दौरान किसी भी समय इसे हटाया जा सकता है। 


Reference

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2. Kay, C., 2020. Medical News Today. Copper iud: Efficacy, benefits, side effects, and procedure Available at: (Accessed: 22 September 2023).

3. Agarwal, P., 2023. क्या कॉपर-टी 100% प्रभावी और सुरक्षित है? (no date) DocTube. Available at:(Accessed: 22 September 2023).

4. NHS. 2021.  Intrauterine device (IUD) Available at: (Accessed: 22 September 2023).

5. Pollock, D. M., 2023. Optum Perks. Do intrauterine devices cause weight gain? Available at: (Accessed: 22 September 2023).







  कॉपर टी क्या होता है?  
   

कॉपर टी को कॉपर इंट्रायूटराइन डिवाइस कहा जाता है। यह टी-आकार की प्लास्टिक की एक छड़ होती है, जो कॉपर एवं तांबे से बनी हुई होती है। इसे महिला के गर्भाशय में लगाया जाता है। अनचाही प्रेगनेंसी रोकने में यह 99% से भी अधिक प्रभावी होता है।

 
  कॉपर टी के दुष्प्रभाव क्या-क्या हैं?  
   

कॉपर टी लगाने के बाद शुरुआती कुछ महीनों तक महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द या ज्यादा रक्तस्त्राव जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। इससे पैल्विक संक्रमण का जोखिम भी बढ़ सकता है।

 

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